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Ahmedabad एयर इंडिया क्रैश में एक यात्री — सीट 11A पर बैठा रamesh Vishwash (या Ramesh Vishwaskumar Bucharvada)

 Air India plane crash: 1 passenger from ...

“Seat 11A का करिश्मा: Ahmedabad हादसे में जिंदा बचा एक यात्री!”


Ahmedabad एयर इंडिया क्रैश में एक यात्री — सीट 11A पर बैठा रamesh Vishwash (या Ramesh Vishwaskumar Bucharvada) — चमत्कारिक रूप से बच गया। ये ब्लॉग सफल बचाव की गाथा, उसके अनुभव और ऐसे कारकों पर प्रकाश डालता है जो इसे एक 'karishma' बनाते हैं।


🚨 1. वो भयावह लम्हा

12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (Boeing 787‑8 Dreamliner) अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही MAYDAY कॉल देकर मेघानीनगर के डॉक्टर हॉस्टल में गिर पड़ी। इसमें 242 लोग थे, जिनमें से कम से कम 204 की मौत हो गई, और कई घायल हुए (news.com.au)।


2. सीट 11A का चमत्कार

  • Ramesh Vishwash/Bucharvada, उम्र ~38, सीट 11A (इमरजेंसी एक्सिट के पास) पर बैठे थे। उनके अनुसार, “30 सेकंड बाद ज़ोरदार धमाका हुआ और फिर क्रैश...” ।

  • वीडियो में वो खुद घायल स्थिति में चलकर एम्बुलेंस की ओर जाते दिखते हैं, उनके चारों ओर मलबे और शव बिखरे हुए थे ।

  • पुलिस कमिश्नर GS Malik ने पुष्टि की: “पुलिस ने सीट 11A में एक यात्री को जिंदा पाया” (moneycontrol.com)।


3. कैसे बना ये ‘करिश्मा’?

  • Emergency exit का स्थान: सीट 11A इमरजेंसी दरवाजे के बहुत करीब है — इससे रेमेश को तुरंत बाहर निकलने में मदद मिली (indiatoday.in)।

  • त्वरित रिएक्शन: जैसे ही विमान से संपर्क टूटा और MAYDAY कॉल हुआ (news.com.au), रेमेश ने तुरंत पलटकर भागकर खुद को बचाया। उनके शब्द:

    “Bodies all around me. I got up and ran.” (independent.co.uk, instagram.com)


4. दानवीय प्रयास और राहत कार्य

  • पुलिस, NDRF, CRPF, फायर ब्रिगेड और आर्मी की टीमें तुरंत बचाव कार्य में जुट गईं (indiatoday.in)।

  • एयर इंडिया और Tata Group ने प्रभावित परिवारों को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने और घायल यात्रियों के इलाज की जिम्मेदारी लेने की घोषणा की (indiatoday.in)।


5. Survivors की विरासत और तुलना

  • Ramesh की कहानी एयर ट्रैफ़िक की कई वीरगाथाओं की याद दिलाती है — जैसे 2009 में lone survivor Bahia Bakari (Yemenia Flight 626) (en.wikipedia.org) और 1971 में Juliane Koepcke (LANSA Flight 508) (en.wikipedia.org)।

  • वर्तमान घटनाक्रम में, Ramesh को ‘karishma’ कहना ठीक भी है—Seat-choice, तेज प्रतिक्रिया और sheer luck ने उसे चपेट से बाहर रखा।


6. समझ का सबक

  1. इमरजेंसी एक्सिट के नज़दीक बैठने का फायदा।

  2. प्रशिक्षित बचाव दलों और आपातकालीन तैयारी का महत्त्व।

  3. यात्री की तत्परता – जैसे ही स्थिति बिगड़ी, रेमेश ने भागकर खुद को सुरक्षित कर लिया।


7. अंतिम विचार

Ahmedabad के इस मौके पर न सिर्फ एक व्यक्ति बचा, बल्कि मानवता की उम्मीद भी जिंदा रही। Seat 11A पर बैठा Ramesh — जिनके जख्मों के बीच से निकली ये आवाज — हमें जीवन की अनिश्चितता और preparedness की अहमियत याद दिलाती है। ये सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक “karishma” थी, जिसमें साहस, भाग्य और स्विच बैक लगाने वाले निर्णयों ने मिलकर ज़िंदगी बचाई।


🙏 सलाम है उन सभी बचाव दलों को — और हमें उम्मीद है कि इस छोटी-सी ज़िंदगी ने अनेकों को सिखाया होगा: ‘हर सीट पर बैठकर विमान यात्रा एक छोटे-से करिश्मे की कहानी भी हो सकती है।’

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